फर्स्ट सेक्स
सम्भोग पहेले बार
सुहागरात
इस बात से अचरज नहीं होना चाहिए की पहिली बार सेक्स करते समय मुश्किलें आ सकती है।
ब्लू फिल्म में आप ने देखा वैसे आसन नहीं होता।
जो नव विवाहित वधु है, जिसने कभी सम्भोग का अनुभव नहीं किया, जो कुंवारी है वह अच्छी लड़की मानी जाती है। इस के साथ पहिली बार सम्भोग करते समय सोचना उस लड़की के लिए कितनी मुश्किल होती है। आप का विवाह हुआ है। पहिली रात है। हिंदी पिक्चर जैसे बिस्तर सजाया गया है। कल पूछेंगे दोस्त, "क्या कैसा रहा?"
जो लड़का यह समजता है की सुहागरात, पहिली रात, सम्भोग करना ही चाहिए तो वह गलत समजता है।
जो लड़की कभी अपने खुद के घर में अकेले कभी नंगी आईना के सामने खड़ी नहीं रही आजतक उसे कितनी मुश्किल होगी किसी पुरुष के सामने कपडे उतार कर सेक्स करना। सोचो जरा।
पहिली बार सेक्स / सम्भोग करते समय बहोत बार यह होता है की जब लिंग योनि के तरफ बदने लगता है तब योनि का दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है। फिर यदि पुरुष जोर जबरदस्ती करता है तो उस लड़की को दर्द होना स्वाभाविक है। योनि का दरवाजा अभी तो और भी टाइट बंद हो जाता है। 'प्युबोकोक्सिजिअस मसल' वंहा काम में आते है और योनि का मार्ग बंद हो जाता है। इस तरह से योनि के मार्ग का बंद होना 'वजैनिस्मस' नाम से जाना जाता है । 'वजैनिस्मस' animated picture showing vaginismus which causes unconsummated sexका एनिमेटेड चित्र आप माय डॉक्टर टेल्स डॉट कॊम पे देख सकते है। इस अवस्था को 'अङ्कनजुमेटेड' कहते है। जो पुरुष फिर भी जबरदस्ती कर के लिंग को अन्दर डालता है तो दर्द के साथ खून भी बहता है। येसी नौबत न आने देना। यदी सेक्स के समय स्त्री को शुरू मे ही दर्द का अनुभव हुआ तो उसका मन सेक्स को दर्द के साथ हमेशा के लिए जोड़ देता है। इस लिए हमे कई बार सुनाई देता है की ४० चालीस साल की उमर (बहोत सालोंके बाद ) होने पर ही कुछ स्त्रीयों को सेक्स में आनंद होता है यह अनुभव होता है। तब तक वह सहती रहती है क्यों की अपने मुल्क में लड़कियों को सिखाया जाता है की पति को मना नहीं करना चाहिए। पति के ख़ुशी के लिए ही सेक्स के लिए मज़बूरी से स्त्रीयों को तयार होना पड़ता है। सेक्स का सम्बन्ध केवल सुख से है। फिर भी हमारे यंहा की स्त्रीया यह मान लेती है की सेक्स में शुरुवात में दर्द होता है। खून भी जासकता है।
'हाय्मॆन' क्या है?
स्त्री के योनि के द्वार पे एक हल्का पडदा होता है। इसे 'हाय्मेन' कहते है। कुछ देशों में अभी भी यह माना जाता है की सुहागरात को 'हाय्मेन' टूटता है और खून बहता है। यदि पहले सम्भोग में खून न बहे तो कुछ संस्कृति में, कुछ देशों में, अभी भी माना जाता है की वह लड़की कुवारी (वर्जिन) नहीं है। मेडिकल साएन्स यह जानता है की आज कल खेल कूद में भी, या सायकल चालने से भी, 'हाय्मेन' टूट सकता है। इसी लिए पहले सम्भोग के समय खून बहे तो ही लड़की कुंवारी है यह बात गलत मानी जाती है।
एक बात समज लेना की लड़का और लड़की दोनों के लिए सम्भोग जब नया पहला अनुभव होता है तब कठिनाइय आती है। इस वजह से अपने में दोष है यह मानना गलत है। दवाई की नहीं 'गाइडेंस', 'कौन्सेलिंग', मार्ग दर्शन की आवशयकता है। और निराश तो बिलकुल नहीं होना है।
जब लिंग योनि में अन्दर प्रवेश नहीं कर पा रहा है तो क्या उपाय करें?
पहले जबरदस्ती नहीं करनी है यह समजलेना। एक उंगली धीरे से योनि के अन्दर डालने का प्रयास करना। एक उंगली डालते समय भी स्त्री को दर्द होता हो तो बहोत समय लगने वाला है लिंग को अन्दर जाने के लिए यह समज लेना। जब एक उंगली सहजता से अन्दर जाने लगे तब दो उँगलियाँ अन्दर डालने के कोशिश करना। यह पति कर सकता है या स्त्री स्वयं कर सकती है। जनानीयों के डॉक्टर (गाय्नेकोलोगिस्ट) के पास भी जाने के जरूरत नहीं है।
यदि पति जबरदस्ती से सेक्स ना करें तो पत्नी उसे बहोत इज्जत देने लगती है और दोनों में दोस्ती, प्यार, महोबत बढता है।
यहे जानकारी हमें ना माँ बाप देते है, ना स्कुल, कोल्लेज में पडाते है। इसी वजह से विस्तार से यंहा जानकारी हम दे रहे है। आशा है की सम्भोग, मिलाप, सुख और प्यार से भरपूर हो और विवाहित जीवन मंगलमय बना रहे।
आप को कोई संदेह हो, या अधिक जानकारी की आवश्यकता को तो आप हम से संपर्क कर सकते हैं।
यदि आप को यह जानकारी उपुक्त लगती हो तो अपने दोस्त यारों को बताइए और हमे भी बताईये।
हमारा संपर्क माय डॉक्टर टेल्स डॉट कॊम यंहा हो सकता है।
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